क्या मार सकेगी मौत उसे ओरो के लिए जो जीता है
मिलता है जहा का प्यार उसे ओरो के लिए जो जीता है
क्या मार सकेगी मौत उसे ओरो के लिए जो जीता है
मिलता है जहा का प्यार उसे ओरो के लिए जो जीता है
क्या मार सकेगी मौत उसे
बालपन विद्या के लिए है भोग के लिए जवानी है
बालपन विद्या के लिए है भोग के लिए जवानी है
जोग के लिए बुढ़ापा है वे जग की रित पुराणी है
है करम योग ही योग बड़ा यही सच्चाई यही गीत है
मिलता है जहा का प्यार उसे ओरो के जो आंसू पिता है
क्या मार सकेगी मौत उसे ओरो के लिए जो जीता है
मिलता है जहा का प्यार उससे ओरो के लिए जो जीता है
क्या मार सकेगी मौत उसे
होना होता है जिनको अमर वो लोग तो मरते ही आये
होना होता है जिनको अमर वो लोग तो मरते ही आये
ओरो के लिए जीवन अपना बलिदान वो करते ही आये
धरती को दिया जिसने बादल वो सागर कभी ना रीता है
मिलता है जहा का प्यार उसे ओरो के लिए जो जीता है
क्या मार सकेगी मौत उसे
जिसने विश पिया बना शंकर, जिसने विश पिया बनी मीरा
जिसने विश पिया बना शंकर, जिसने विश पिया बनी मीरा
जो छेद़ा गया बन मोती, जो काटा गया बना हिरा
वो नर है तो है राम, वो नारी है तो सीता है
मिलता है जहा का प्यार उसे ओरो के लिए जो जीता है
क्या मार सकेगी मौत उसे ओरो के लिए जो जीता है
मिलता है जहा का प्यार उसे ओरो के लिए जो जीता है
क्या मार सकेगी मौत उसे
                                
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