कान्हा रे थोडा सा प्यार दे
चरणों में बैठा के तार दे
ओ गोरी, घूंघट उतार दे,
प्रेम की भिक्षा झोली में दार दे
कान्हा रे थोडा सा प्यार दे,
चरणों में बैठा के तार दे
प्रेम गली में आके गुजरिया,
भूल गई रे घर की डगरिया
जब तक साधन, तन मन जीवन,
सब तुझे अर्पण, प्यारे सांवरिया
माया का तुमने रंग ऐसा डाला
बंधन में बंध गया बांधने वाला
कौन रमा पति, कैसा ईश्वर
मै तो हु गोकुल का ग्वाला
ग्वाला रे थोडा सा प्यार दे
ग्वालिन का जीवन संवार दे
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