सहज भाव से शिव धनु तोड़ा
जनम जनम का नाता जोड़ा
जय माला का शुभ क्षण आया
तीन लोक मे आनंद छाया
दो चार चरण चलते चलते
श्री रघुवर तक ऐसे पहुचे
ज्यों छुई हुई के पल्लव हो
सिमटे सिमटे सकुचे सकुचे
सिमटे सिमटे सकुचे सकुचे
श्री राम चकित चितवे सीता का
अद्भुत रूप निराला
पहनाओ जय माला
श्री रघुवर कोमल कमल नयन को
पहनाओ जय माला
पहनाओ जय माला
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