जाने अंजाने लोग मिले
मगर कोई मिला ना अपना
जाने अंजाने लोग मिले
मगर कोई मिला ना अपना
क्या क्या हमने सोचा था
रह गया बनके सपना
औ जाने अंजाने
मिला ना कोई ऐसा इन्सा
दिल का दर्द मिटाता
कम से कम दो बात तो करता
दिल की आस बांधता
मिला ना कोई ऐसा इन्सा
दिल का दर्द मिटाता
कम से कम दो बात तो करता
दिल की आस बांधता
दर्द भरा है अफ़साना
भाग मे लिखा तड़पना
जाने अंजाने लोग मिले
मगर कोई मिला ना अपना
जाने अंजाने
आश निराश के दोराहे
पर दिल तो हमारा टूटा
इस किस्मत ने धीरे धीरे
अपना सब कुछ लूटा
आश निराश के दोराहे
पर दिल तो हमारा टूटा
इस किस्मत ने धीरे धीरे
अपना सब कुछ लूटा
भीग चुकी है ये पलके
भूल गये हम हसना
औ जाने अंजाने लोग मिले
मगर कोई मिला ना अपना
क्या क्या हमने सोचा
था रह गया बन के सपना
औ जाने अंजाने
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