अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
हो हो
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
ऐसा मौसम पहले कभी भी आया नहीं
ऐसा बादल अम्बर पे सजना छाया नहीं
ऐसा मौसम पहले कभी भी आया नहीं
ऐसा बादल अम्बर पे सजना छाया नहीं
ओ ये सुहाना शमा प्रेम की खोज में मौज में
हो हो पागल प्रेमी बन के फिरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
हो हो
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
आ तुझको आँखो में छुपा लूँ इस रात में
कजरा गजरा बह जायेगा ये बरसात में
हो हो आ तुझको आँखो में छुपा लूँ इस रात में
कजरा गजरा बह जायेगा ये बरसात में
ओ होश से काम लो राम का नाम लो थाम लो
जाने बैरन रुत क्या करे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
हो हो
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
मन में लगे आग सी
मन में लगे आग सी
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