आ हा आ आ आ
जमुना किनारे आजा
छलिया पुकारे आजा
राधा जाए न
जमुना किनारे आजा
छलिया पुकारे आजा
राधा जाए न
हो पनिया भरन
पनघट पे आये न
राधा जाए न जाए न
राधा जाए न
ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
चार कदम चले और रुक जाए
चार कदम चले और रुक जाए
बैरन आँख निगोड़ी झुक जाए
बैरन आँख निगोड़ी झुक जाए
लाज के पेहरे को
तोड़ वह पाये न
राधा जाए न जाए न
राधा जाए न
मन डोले जग बोले बावरिया
पा मा गा गा सा री ना
पा मा गा गा नि सा धी ना री गा
नि रा गा मा पा गा मा पा धी ना
मन डोले जग बोले बावरिया
तोड़ न लाये कहीं
खाली गगरिया
तोड़ न लाये कहीं
खाली गगरिया
अखियों में जमुना जल
भर लाये न राधा जाए न
जमुना किनारे आजा
छलिया पुकारे आजा
राधा जाए न
हो पनिया भरन
पनघट पे आये न
राधा जाए न जाए न
राधा जाए न
ये शिव मंदिर हे
कहते हे वहा जाके
सच्चे दिल से जो भी मुराद माँगो
पूरी हो जाती हे
किस दिन ले जाऊंगा वहा
भगवान से माँग लूँगा तुम्हे
सच सच
Log in or signup to leave a comment
Login
Signup