तुम्हे याद करते करते जाएगी रैन सारी
तुम ले गए हो अपने संग नींद भी हमारी
तुम्हे याद करते करते जाएगी रैन सारी
तुम ले गए हो अपने संग नींद भी हमारी
तुम्हे याद करते करते
मन है के जा बसा हैं अनजान इक नगर में
मन है के जा बसा हैं अनजान इक नगर में
इतने बड़े महल में घबराओ मैं बेचारी
तुम ले गए हो अपने संग नींद भी हमारी
तुम्हे याद करते करते
बिरहा की इस चिठा से तुम ही मुझे निकालो
जो तुम न आ सको तो मुझे स्वप्न में बुलाओ
मुझे ऐसे मत जलाओ मेरी प्रीत है तुम्हारी
तुम ले गए हो अपने संग नींद भी हमारी
तुम्हे याद करते करते जाएगी रैन सारी
तुम ले गए हो अपने संग नींद भी हमारी
तुम्हे याद करते करते
तुम्हे याद करते करते
तुम्हे याद करते करते
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