Tum Sitam Aur Karo

तुम सितम और करो, टूटा नहीं दिल ये अभी
तुम सितम और करो, टूटा नहीं दिल ये अभी
हम भी क्या याद करेंगे, तुम्हें चाहा था कभी
तुम सितम और करो, टूटा नहीं दिल ये अभी

ये वो ही होंठ हैं, जो गीत मेरे गाते थे
ये वो ही गेसू हैं जो मुझपे बिखर जाते थे
आज क्या हो गया, क्यों हो गये बेगाने सभी
तुम सितम और करो, टूटा नहीं दिल ये अभी

अपने ख्वाबों का जहां मुझ में कभी ढूँढा था
अपने ख्वाबों का जहां मुझ में कभी ढूँढा था
तुम वो ही हो के कभी तुमने मुझे पूजा था
देखते हो हमें ऐसे के ना देखा हो कभी
तुम सितम और करो, टूटा नहीं दिल ये अभी
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