जिसका कभी था ज़िकर सा
मैंने वो सुबह देखली
जिसका मिलना था कुफ्र सा
मैंने वो सुबह देखली
हर पल चलते ये इस शहर में
सोता नहीं किसी पहर मैं
जिसका सजदा है शुक्रसा
हा मैंने वो सुबह देखली
देखली देखली (पा पा प प रा)
वो सुबह देखली (पा पा प प रा)
देखली देखली (पा पा प प रा)
वो सुबह देखली (पा पा प प रा)
खुदसे भी मिलनेको कूच दम है
न न ना ना ना रा रा
मंज़िल नहीं पर राहों का शोर है
रातों को चूमने तारे भी जल पड़े
सूरज को ढूढ़ने जुगनू भी चल पड़े
जुगनू चल पड़े
जुगनू चल पड़े
देखली देखली (पा पा प प रा)
वो सुबह देखली (पा पा प प रा)
देखली देखली (पा पा प प रा)
वो सुबह देखली (पा पा प प रा)
आके आजमा तू इत्मीनान से
न न ना ना ना रा रा
मेरे जूनून का तू इम्तिहान ले
मेरे भी आखों में कितने पर लगे
उड़ने को बेसब्र लेकिन हैं ये बंधे
लेकिन हैं ये बंधे
लेकिन हैं ये बंधे
देखली देखली (पा पा प प रा)
वो सुबह देखली (पा पा प प रा)
देखली देखली (पा पा प प रा)
वो सुबह देखली (पा पा प प रा)
जिसका कभी था ज़िकर सा
मैंने वो सुबह देखली
जिसका मिलना था कुफ्र सा
हो मैंने वो सुबह देखली
देखली देखली
वो सुबह देखली
देखली देखली
वो सुबह देखली