Sri Ramcharan Ke Sukhad Sparsh Se

श्री राम चरण के सुखद स्पर्श से शीला बनी सुंदर नारी

पद पंकज पावन शोक नशावन पद रज की महिमा भारी

मै नारी अपावन

आ आ आ आ

मै नारी अपावन प्रभु जग पावन (आ आ आ आ)
पावनता का दान दिया (आ आ आ आ)
ज्यों त्रिभुवन पूजित लक्ष्मी सेवित उन चरणों मे स्थान दिया
ऋषि गौतम द्वारा

आ आ आ आ

ऋषि गौतम द्वारा श्राप जो पाया (आ आ आ आ)
श्राप वही वरदान हुआ (आ आ आ आ)
गयी तन की जड़ता पायी शुचिता भाग्य जगे कल्याण हुआ

एही भाति सिधारी गौतम न्यारी, बार बार हरी चरन परी (आ आ आ आ)
ज्यों अति मन भावा सोई वर पावा गयी पतिलोक अनन्द भरी

गयी पतिलोक अनन्द भरी (गयी पतिलोक अनन्द भरी) (आ आ आ आ)
गयी पतिलोक अनन्द भरी (गयी पतिलोक अनन्द भरी) (आ आ आ आ)

राम हरि जै राम हरि, राम हरि जै राम हरि
राम हरि जै राम हरि, राम हरि जै राम हरि
राम हरि जै राम हरि, राम हरि जै राम हरि
राम हरि जै राम हरि
Log in or signup to leave a comment

NEXT ARTICLE