पेहला नशा है
ए अहसास भी है नया
कोई बतादे मुझे
क्या हुआ क्या पता
दिल तो मचलने लगा
जादू सा चलने लगा
ऐसा पहले कभी ना हुआ
पेहला नशा है
ए अहसास भी है नया ये नशा
कोई बतादे मुझे
क्या हुआ क्या पता
आ आ हा हा
रोग नया कैसा लगा
मैं हु अभी कम सी
खुष्बू मेरी तन से उडी
महकू मैं अब रात दिन
मन की किताबो मे वो
महके गुलाबो मे वो
एक चेहरा लुभाने लगा
पेहला नशा है
ए अहसास भी है नया ये नशा
कोई बतादे मुझे
क्या हुआ क्या पता
कुछ तो नया मूझ में हुवा
होने लगा हे ब्रम
पाव कही रखती हू मैं
पडते कही हे कदम
काडे गिराता हे वो
निंदे चुराता हे वो
मुझको मुझसे चुरा ले गया
पेहला नशा है
ए अहसास भी है नया ये नशा
कोई बतायें मुझे
क्या हुआ क्या पता
दिल तो मचलने लगा
जादू सा चलने लगा
ऐसा पहले कभी ना हुआ
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