सुन सखि मोरे मन की बात
कोयल तरसे आम को
और वन को तरसे मोर
मैं तरसु उस प्रीत को
और छाई घटा घनघोर
नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए
नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए
ऐसा भी आए कोई बदल हमारे अँगना
रिमझिम प्यार लुटाए
हे नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए
हो ओ ओ, सजना मिलन के गाऊ मैं तैराने
रंग भरे लो आ गए ज़माने
आ आ आ आ, खोई रहूँ मैं क्यों राम जाने
ढूंढ रही हूँ प्यार के ख़ज़ाने
कुछ भी न अपनी खबरिया ख़बरिया
कुछ भी न अपनी ख़बरिया मैं ऐसी भोली
दिन कब आए कब जाए
ऐसा भी आए कोई बादल हमारे अँगना
रिमझिम प्यार लुटाए
हे नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए
हो ओ ओ, प्यासे हैं दोनों अँखियों के भँवरे
डालू किसी पर कजरा से डोरे
हो ओ ओ, पंख पसारे चुप हैं निगोड़े
लूटेंगे दिल मधु के कटोरे
ढूंढे किसी को नजरिया नजरिया
ढूंढे किसी को नजरिया
ये बैरी मौसम आग है लगाए
ऐसा भी आए कोई बदल हमारे अँगना
रिमझिम प्यार लुटाए
ए ए नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए
नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए
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