Mujhe De Rahe Hain Tsaliyan

मुझे दे रहे हैं तसलियान
वो हर एक ताज़ा पायम से
कभी आके मंज़िर-ए-आम पर
कभी हट के मंज़िर-ए-आम से
मुझे दे रहे हैं तसलियान

ना गरज किसी से ना वस्था मुझे
काम अपने ही काम से
तेरे ज़िक्र से, तेरी फ़िक्र से
तेरी याद से, तेरे नाम से

मेरे साकिया मेरे साकिया
मेरे साकिया मेरे साकिया
तुझे मरहवा तुझे मरहवा
तू पिलाए जा तू पिलाए जा इसी
चश्म-ए-जाम-व-जाम से
मुझे दे रहे हैं तसलियान

तेरी सुबो ऐश है क्या बाला
तुझे ऐ फलक जो हो हौसला
कभी कर ले आ के मुकाबला
गम-ए-हिज्र-ए-यार की शाम से
मुझे दे रहे हैं तसलियान।
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