कोई न जाने कोई न जाने बिन तेरे राम
कहाँ दिन होये कहाँ शाम
कहाँ दिन होये कहाँ शाम
जग में सभी का परदेसी नाम
कहाँ दिन होये कहाँ शाम
कहाँ दिन होये कहाँ शाम
मन में लगा है सपनो का मेला
मन में लगा है सपनो का मेला
फिर भी है देखो यह मैं अकेला
झोंका पवन का पानी का रेला हो ओ ओ हो ओ ओ
जाने ले जाये कब किस धाम
कहाँ दिन होये कहाँ शाम
कहाँ दिन होये कहाँ शाम
आगे विपदा की तलवारे
आगे विपदा की तलवारे
पीछे दुखड़ों की दीवारें
ऊपर कांटे निचे कतारे
हो ओ ओ जीवन हुआ यह या संग्राम
कहाँ दिन होये कहाँ शाम
कहाँ दिन होये कहाँ शाम
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