कितने ही सागर कितने ही धरे
टायर रही टायर रहा हूँ
मॅन मजधहारा कोई ना किनारा
बहता हूँ बहता रहा हूँ
कितने ही सागर कितने ही धरे
टायर रही टायर रहा हूँ
मॅन मजधहारा कोई ना किनारा
बहता हूँ बहता रहा हूँ
कितने ही सागर कितने ही सागर
यह मॅन का समंदर
सदियों से गहरा
यह मॅन का समंदर
सदियों से गहरा
लहरों का अंत नही है
एक पल डूबना एक पल तैरना
एक पल डूबना एक पल तैरना
जीना और मारना यहीं है
कितने ही सागर कितने ही धरे
तेरे हे तैर रहा हूँ
साहिलो के पार जहाँ
बस्ती की शांति
आग भी सुलग्नी लगी है
साहिलो के पार जहाँ
बस्ती की शांति
आग भी सुलग्नी लगी है
जुंग की अगन से पानी ओ के साहिल
आज पीगलने लगे है
छ्चोड़ के साहिल तोड़ के कश्ती
छ्चोड़ के साहिल तोड़ के कश्ती
बहता हूँ बहता रहा हूँ
कितने ही सागर कितने ही धरे
तेरे हे तैर रहा हूँ
आँधी तूफान रुकती है राही
आते है डुबोने सारे
आँधी तूफान रुकती है राही
आते है डुबोने सारे
मॅन का ये माझी
ढूंढता है फिर भी
नये आकाश किनारे
ज़िंदगी सहना ज़िंदगी बहना
ज़िंदगी सहना ज़िंदगी बहना
बहता हूँ बहता रहा हूँ
कितने ही सागर कितने ही धरे
तेरे हे तैर रहा हूँ
गहरा ये सागर ढूढ़ती
दिशा ए दिशा दिखता है
गहरा ये सागर ढूढ़ती
दिशा ए दिशा दिखता है
लहरों के हाथो आकाश
च्छुनके जीना सिखाता है
सागर पे रहना
सागर में बहना
सागर पे रहना
सागर में बहना
बहता हूँ बहता रहा हूँ
कितने ही सागर कितने ही धरे
तेरे हे तैर रहा हूँ
मॅन मजधहारा कोई ना किनारा
बहता हूँ बहता रहा हूँ
कितने ही सागर कितने ही सागर