Kaash Kabhi Toh

काश कभी तो उनकी खिदाकी
एक बार खुल जाति
और हवा से उनके चेहरे की
नक़ाब हट जाति
काश कभी तो उनकी खिदाकी
एक बार खुल जाति
और हवा से उनके चेहरे की
नक़ाब हट जाति
हो जाता दीदार काशो
अंजाने रुखसारो का
वाह तकदीरे इशारों का
उन नैनो के बागों का
हो जाता दीदार काशो
अंजाने रुखसारो का
वाह तकदीरे इशारों का
उन नैनो के बागों का
रुख पर जो चाय बालो की
आज घट हट जाति
छुपी हुई गहराई
पालको की थोड़ी धक जाति
काश कभी तोह
काश कभी तो उनकी खिदाकी
एक बार खुल जाति
और हवा से उनके चेहरे की
नक़ाब हट जाति
इतने दिन से जी न रहा था
एक बार जी जाता
लुटा जिंदगी की बिसात परी
मात न ऐसी खाता
इतने दिन से जी न रहा था
एक बार जी जाता
लुटा जिंदगी की बिसात पर
मात न ऐसी खाता
तीखी नज़र कटिलिक
अभी उठ जाति
फिर चाहें आ जाए कयामातो
या धरती फट जाए
काश कभी तोह
काश कभी तो उनकी खिदाकी
एक बार खुल जाति
और हवा से उनके चेहरे की
नक़ाब हट जाति

हाय उन्होन कभी ना देखा
मैने उन ना जाना
जाने कब से छुपा सलोना
रूप राह अंजाना
हाय उन्होन कभी ना देखा
मैने उन ना जाना
जाने कब से छुपा सलोना
रूप राह अंजाना
आगर तिलिश्मी मूरत कि
सूरत थोडी दिख जाति
कलाम हमारी एक कहानी
नई नई लिख जाति
काश कभी तो उनकी खिदाकी
एक बार खुल जाति
और हवा से उनके चेहरे की
नक़ाब हट जाति
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