आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो
आँखों से अश्क़्बार हम
सावन से वो हैं बेखबर सावन से वो हैं बेखबर
बेगाना ए बहार हम बेगाना ए बहार हम
अर्श की ये बुलन्दियाँ फ़र्श की बस्तियों से है
उन क गुरूर देख कर
उन क गुरूर देख कर
बन गये खाक़्सार हम
होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो
परवाना जा के जब गिरा परवाना जा के जब गिरा
शोला तो काँप काँप उठा
उस पे न कुछ असर हुआ
उस पे न कुछ असर हुआ
जिस पे हुए निसार हम
होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो
पी है किसी की बज़्म में इतनी कि फिर न उठ सके
होश ओ हवास कुछ नहीं
होश ओ हवास कुछ नहीं
कितने हैं होशियार हम
होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो आँखों से अश्क़्बार हम
आँखों से अश्क़्बार हम
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