एक है सब हिंदुस्तानी
एक है सब हिंदुस्तानी
जो दो समझे जो दो समझे
उसकी है ये नादानी दो
हम सबके दो हाथ है
हाथ है अपने साथ तो
सारे साथ है तिन
आगे नंबर तीन है
झूट बड़ा बदसूरत है
और सच बड़ा हसीं है
चार चार दिशाओं में सब था
चार दिशाओं में सब था
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण
उनके नाम एक दो तीन चार
चार के आगे पाँच है
फूलो में खुशबु है
आग में क्या है आंच है
छे का रूप निराला है
ऐसा जैसा दरवाजे का ताला है
सात सुर है सात गीतार में
सा रे गा मा पा धा नि
सा प मा नी सा रे गा
सूर है सात गीतार में
सात अचम्बे है
सारे संसार में
आठ आठ बजे है सुन आगे
वो अच्छा जो जल्दी
सोएं और जल्दी जागे
नंबर नो का है कहना
नंबर नो का है कहना
पास भलो के दूर
बुरो से तुम रहना
दस बस बस करो अब सो जाओ
बस करो अब सो जाओ
मीठे मीठे सपनो
में तुम खो जाओ
एक है सब हिंदुस्तानी
ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म
Log in or signup to leave a comment
Login
Signup