Bairi Bichhua Bara Dukh De Ho Ram

आ आ आ आ आ आ आ आ
बैरी बिछुआ बड़ा दुःख दे हो राम
शोर करे छन छन छन छन छन छन
बैरी बिछुआ बड़ा दुःख दे हो राम
शोर करे झन झन झन छन छन छन बैरी बिछुआ

में जो चालू तो उलझा दे ये बोल के
में जो चालू तो उलझा दे ये बोल के
आधी डगर तक में तो रहे जाऊ डोल के
पापी न समझे जिया की लगन
बैरी बिछुआ बड़ा दुःख दे हो राम
शोर करे झन झन झन छन छन छन बैरी बिछुआ

बांधु चुनर से घूँघट का खयाल हो
बांधु चुनर से घूँघट का खयाल हो
ज़ुल्फो से बांधु तो उठना मुहाल हो
छोटे से मन को बड़ी उलझन
बैरी बिछुआ बड़ा दुःख दे हो राम
शोर करे झन झन झन छन छन छन बैरी बिछुआ

रात चलू तो यु लुटे सुख चैनवा
रात चलू तो यु लुटे सुख चैनवा
दीन को जो निकलू तो उठे सौ सौ नैनवा
रात न देखे देखे न ये दीन
बैरी बिछुआ बड़ा दुःख दे हो राम
शोर करे झन झन झन छन छन छन
बैरी बिछुआ बड़ा दुःख दे हो राम
शोर करे झन झन झन छन छन छन बैरी बिछुआ
Log in or signup to leave a comment

NEXT ARTICLE