Alfaazo Ki Jarurat Hi Nahi

बोलने से क्‍या कभी
कुछ बयाँ होता है
इश्‍क तो पैदाइशी
बेजुबान होता है
आँखे खुद ही बोलती हैं
प्‍यार के लफ़्ज़ को
अल्‍फाजो की जरूरत ही नही
तेरे इश्‍क को
अब खुदा से इनायत मिल रही
तेरे मेरे इश्‍क को
अल्‍फाजो की जरूरत ही नही
तेरे इश्‍क को
अब खुदा से इनायत मिल रही
तेरे मेरे इश्‍क को

ज्रिक खुद से ही खुद तेरे बाबत करने लगी
क्यूँ तेरी मर्जियो के मुताबिक चलने लगी
ज्रिक खुद से ही खुद तेरे बाबत करने लगी
क्यूँ तेरी मर्जियो के मुताबिक चलने लगी
ढून्ढ लेती हूँ हर जगह
अब तेरे अक्‍स को
अल्‍फाजो की जरूरत ही नही
तेरे इश्‍क को
अब खुदा से इनायत मिल रही
तेरे मेरे इश्‍क को

बेवजह खामखा मुस्‍कुराना अच्‍छा लगे
दिल ही दिल मे बस तुझको चाहना अच्‍छा लगे
बेवजह खामखा मुस्‍कुराना अच्‍छा लगे
दिल ही दिल मे बस तुझको चाहना अच्‍छा लगे
जी रहा हूँ मै आज कल
दूसरे शख्‍स को
अल्‍फाजो की जरूरत ही नही
तेरे इश्‍क को
अब खुदा से इनायत मिल रही
तेरे मेरे इश्‍क को
अल्‍फाजो की जरूरत ही नही
तेरे इश्‍क को
अब खुदा से इनायत मिल रही
तेरे मेरे इश्‍क को
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