Sahma Sahma

एक सहमे हुए ख़याल को
विश्वास का चोला पहनाकर
आँखों की पुतलियों में बसा रखा है
दर्र लगता है रोने से
कहीं आँसू बनकर यह
इन्न नैनन से च्चालक ना पड़े
हम सिर्फ़ विश्वास

सहमा सहमा सहमा सहमा
सहमा सहमा सा है नादिया का पानी
सहमा सहमा सहमा सहमा
सहमा सहमा सा है नादिया का पानी
सिसकियों में धक गयी इसकी रवानी
सहमा सहमा सा है नादिया का पानी

परबातों को च्छेदकर पिघलती थी कभी
किनारों को जीतकर उच्छालती थी कभी
परबातों को च्छेदकर पिघलती थी कभी
किनारों को जीतकर उच्छालती थी कभी
सूरज को नहलाकार चाँद को बहालाकार
सागर से मिलने निकलती थी नदी
फिर आया सैलाब राम गयी उसमे दीवानी
लूटकर ले गया मासूम उसकी जवानी
सहमा सहमा सा है नादिया का पानी

मेरे ज़ज्बात का आईना है पानी
रंज में खुशी में
हर दूं च्चालकता है पानी
मेरे ज़ज्बात का आईना है पानी
रंज में खुशी में
हर दूं च्चालकता है पानी
खुशी को भिगोकर घूम को डुबोकर
अपनी ही धुन में बहता जाए पानी
थम जाए यह लाहुं भी कहीं
साँस ना ले पायें जीवन की धारा
बहता यह पानी
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