अच्छी नहीं सनम दिल्लगी दिल ए बेक़रार से
क्यों रो रहे हो छेड़ा था हमने तुमको तो प्यार से
खेल ही खेल मे जायेगी इक जान
क्यों रो रहे हो छेड़ा था हमने तुमको तो प्यार से
अच्छी नहीं सनम दिल्लगी दिल ए बेक़रार से
प्यार के खेल में कैसा दिल क्या जान
अच्छी नहीं सनम दिल्लगी
दिल ए बेक़रार से
कहते हो तुम तो यूँ ही सही
की ऐ मेरे हसीन आ हां हां
सारी खता जवानी की है
कुसूर आपका नहीं
कहते हो तुम तो यूँ ही सही
की ऐ मेरे हसीन
सारी खता जवानी की है
कुसूर आपका नहीं
कर जाते हो शरारत
जब मिलते हो प्यार से
क्यों रो रहे हो छेड़ा था
हमने तुमको तो प्यार से
अच्छी नहीं सनम दिल्लगी
दिल ए बेक़रार से
छेड़ूँ अगर तो शिकवा करो
न छेड़ूँ तो गिला
लगता है यूँ कि तुम
आज से दीवाने हुए पिया
छेड़ूँ अगर तो शिकवा करो
न छेड़ूँ तो गिला
अरे लगता है यूँ कि तुम
आज से दीवाने हुए पिया
होने लगे ज़रा में
जो बे इख्तियार से
अच्छी नहीं सनम दिल्लगी
दिल ए बेक़रार से
ओ क्यों रो रहे हो छेड़ा था
हमने तुमको तो प्यार से
ला ला ला ला ल ला ला ला ला
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