Zindagi

खेल कुछ अजब सा है
कभी हंसाता है तो कभी रुलाता है
मुश्किल है यह तमाम लाता है
पर मुश्किलों को छोड़
निडर बन... जिंदगी का खेल यूं ही खेला जाता है
कोई दौड़ रहा सपने पूरे करने के लिए
कोई दौड़ रहा खाली पेट भरने के लिए
धूप में,छांव में,कहीं दूर गांव में,
हल पकड़े कर रहा जीवन व्यतीत काम में।
डर,तकलीफ,उठना,गिरना,संभलना
और फिर से उठकर चलना..
जिंदगी के यह कुछ आंकड़े हैं
क्योंकि बिना इनके जिंदगी अधूरी है
इधर उधर की भागा दौड़ी में जिंदगी जैसे बिखर सी गई है
लोग सिमट से गए हैं
और रिश्ते मतलब के हो गए हैं
लॉकडाउन ने... जीवन को एक नई पहचान दी है,
एक छत के नीचे बिखरे रिश्तो में जान दी है,
सालों से गुम हुए जिंदगी को...
जीने का..
शायद नया तरीका मिला है
और इस अल्पविराम को नया आगाज़ मिला है
सुना है कि फिर से सब कुछ खुल गया है
लॉकडाउन में जिन्हें नई पहचान दी है
उन्हें खोने मत देना
क्योंकि तू इनसे है,यह तुझ से नहीं
हार जीत तो चलती ही रहेगी
पर हर परिस्थिति में हंसकर आगे बढ़ना
शायद... जिंदगी इसी का नाम है
थम कर,रुक कर,धीमे से चलकर
जिंदगी के सुखों का अनुभव होगा
यकीनन सकारात्मकता की सोच में... शांति का माहौल होगा
जिंदगी अपने आप में परीक्षा है
और तुझे हर बार उत्तीर्ण होकर... खुद को सबसे बेहतर साबित करना है
क्योंकि बात पास होने की नहीं खुद को बेहतर बनाने की है
बस... मन को एकाग्र कर चुनौतियों का सामना कर
क्योंकि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो
इस Lockdown ने हम सब को बहुत कुछ सिखाया है
अब हर घर में कोई लेखक,गायक और निर्देशक ने खुद को आगे बढ़ने का नजरिया दिखाया है
लिखूं अगर जिंदगी के बारे में सब... तो पंक्तियां और भी लंबी शब्द कम होते जाएंगे
जिंदगी हम सब को हमारी शुरुआत से एक बात सिखाती है कि हाथ बंद कर आया था तू खाली हाथ कर चला जाएगा
जो कुछ भी कमाया था तूने सब यही धरा का धरा रह जाएगा
और हां यह जिंदगी भी बड़ी कमाल है कभी किसी के हिस्से में गम तो कभी खुशहाल है।
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