उम्मीद होगी कोई
हो रात ढले वरना, कोई आता नहीं
किसने ये पुकारा, उम्मीद होगी कोई
हो रात ढले वरना, कोई आता नहीं
किसने ये पुकारा, उम्मीद होगी कोई
जब भी कोई आहट सी होती है
जाने कैसी दिल में ये घबराहट सी होती है
जब भी कोई आहट सी होती है
जाने कैसी दिल में ये घबराहट सी होती है
कोई लमहा लौट है बेचारा उम्मीद होगी कोई
हो रात ढले वरना, कोई आता नहीं
किसने ये पुकारा, उम्मीद होगी कोई
आँखें हूँढे साये आवाजों के
सूने सूने चहरे हैं बस खाली दरवाजों के
आँखें ढूँढे साये आवाजों के
सूने सूने चहरे हैं बस खाली दरवाजों के
शायर कोई है किसने फिर पुकारा
उम्मीद होगी कोई
हो रात ढले वरना, कोई आता नहीं
किसने फिर पुकारा, उम्मीद होगी कोई
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