तोरा मनवा क्यूँ घबराये रे
लाख दिन दुखियारे सारे
जग में मुक्ति पाएँ
हे राम जी के द्वार से
तोरा मनवा क्यूँ घबराए रे
लाख दिन दुखियारे सारे
जग में मुक्ति पाएँ
हे राम जी के द्वार से
बंद हुआ ये द्वार कभी ना, जुग कितने ही
जुग कितने ही बीते
सब द्वारों पर हारने वाले, इस द्वारे पर
इस द्वारे पर जीते
लाखों पतित, लाखों पछताये
लाखों पतित, लाखों पछताये
पावन होकर आये रे
राम जी के द्वार पे
तोरा मनवा
तोरा मनवा क्यूँ घबराए रे
लाख दिन दुखियारे सारे
जग में मुक्ति पाएँ
हे राम जी के द्वार से
हम मूरख जो काज बिगाड़े, राम वो काज सँवारे
राम वो काज सँवारे
हो महानन्दा हो के अहिल्या, सबको पार उतारे
सबको पार उतारे
जो कंकर चरणों को छू ले
जो कंकर चरणों को छू ले
वो हीरा हो जाये रे
राम जी के द्वार पे
तोरा मनवा
तोरा मनवा क्यूँ घबराए रे
लाख दिन दुखियारे सारे
जग में मुक्ति पाएँ
हे राम जी के द्वार से
ना पूछे वो जात किसी की, ना गुण अवगुण
ना गुण अवगुण जाँचे
वही भगत भगवान को प्यारा, जो हर बाणी
जो हर बाणी बाँचे
जो कोई श्रद्धा ले कर आये
जो कोई श्रद्धा ले कर आये
झोली भरकर जाये रे
राम जी के द्वार पे
तोरा मनवा
तोरा मनवा क्यूँ घबराए रे
लाख दिन दुखियारे सारे
जग में मुक्ति पाएँ
हे राम जी के द्वार से
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