Saang Na

उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ
खुणावतो काठ पुन्हा
दुणावते आस पुन्हा
सवाल सारे मवाळ झाले
शोधू बहाणे थांब ना
फितूर मन हे आतुर झाले
कसे अचानक सांग ना
सांग ना सांग ना

श्वास नवे पेरताना
नाते नवे जोडताना
कधी भासते कुणी हासते
काही कसे कळे ना मला
मन भांडते सुख सांधते
जणू मिळे किनारा मला
जणू मिळे किनारा मला

हो ओ ओ ओ
खुणावतो काठ पुन्हा
दुणावते आस पुन्हा
उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ

सलोख्याला तडा देउन जा
गुज हलके बोलताना
अंतरीचे नाद ऐकून जा
सूर हळवे छेडताना
करार वादे जुने इरादे
भुलूनी साऱ्या भावना
धूसर सारे टिपूर झाले
कसे अचानक सांग ना
सांग ना सांग ना

चातकाची ओढ होशिल का
वाट वेडी पाहताना
पापणीचे ओल होशिल का
हुंदक्याला रोखताना
हवेत सारे कवेत वारे
तरारल्या संवेदना
क्षणात सारे मनात आले
कसे अचानक सांग ना
सांग ना सांग ना

श्वास नवे पेरताना
नाते नवे जोडताना
कधी भासते कुणी हासते
काही कसे कळे ना मला
मन भांडते सुख सांधते
जणू मिळे किनारा मला
जणू मिळे किनारा मला

उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ
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