Raaz

किसी का यहाँ कोई नहीं किसी का
किसी का यहाँ
किसी का यहाँ कोई नहीं किसी का
किसी का यहाँ कोई नहीं किसी का

किसी का यहाँ कोई ना
सारे चेहरे लगने लगे हैं क्यों अनजान
दिल सूली पे चढ़ाके बने धंदा
यहाँ सपनो के कसाई पहनाते फंदा
भाई और भाई को लड़ाके
ये दिखाना चाहें
नेशनल टीवी पे जमी आँखों पे
छाना चाहें

मेरी रूह कहे मुझे
जो तू कहना चाहे
दिल खोल के केह दे
बस रहना जाये
दिल में कोई बात

मुन्नवर बोलने से पहले हुआ गिरफ्तार
सुना प्रतिक का भी कर रखा बुरा हाल
फ़िज़ूल के इस नफरत का ना करे इन्साफ
यहाँ कोई नहीं जिसका हो दिल पूरा साफ़

तो बस करो मुझे माफ़
ऐसा लगने लगा मुझे कायनात है खिलाफ
क्यूँकी

किसी का यहाँ कोई नहीं किसी का
किसी का यहाँ कोई नहीं किसी का
किसी का यहाँ कोई नहीं किसी का

मुँह पे बना भाई
पीठ पीछे चाक़ू
तेरे दिल में तबाही
अपने काम से दबा दूँ
मेरा नाम दे गवाही

क्यूँ मैं तुझपे गवां दूँ
देसी रैप से लड़ाई
तेरी अगली वर्स में सजा दूँ
जो भी लिखूँ
अलफ़ाज़ मेरे जादू
हर ताल पे बेकाबू
जैसे जाल ये बिछा दूँ
तेरी खाल पे लिखा दूँ

हर एक लाइन हर एक बार
नया टाइम नया दौर
नए प्लेयर्स नया राज
किंग किंग

बिखर गया है ताज
अब टुकड़ों पे क्या नाज़
गिर चूका है
खुदा की रहमत से तू आज

मैं हूँ नया आगाज़
तुझको पता ये राज़
गाने का वो पहला वीडियो कॉल
तेरा ही आया था मेरे पास

अब ना करना कॉल
होगा पर्दाफाश
साइनिंग ऑफ
तेरा भाई Asim Riaz

Trust no one
Trust no one
Trust no one
Trust tɾust
Log in or signup to leave a comment

NEXT ARTICLE