अरे फिर से पी लिए हो क्या
हम्म पीना है पिलाना हैं
घमो को भुलाना है
पीना है पिलाना है
मांझी रे, मांझी रे घुंट घुंट पाइक
बैय्या पर लगा ले अपने नैय्या
मांझी रे, मांझी रे
पीना है पिलाना है
गमन को भुलाना है
हो हो ह ओ
चार दिन का मेला है
ये प्यार करले है ले गा ले
अर्थ उठा ही लेंगे, उठे हुए वाले
हा जीवन भला क्या
देंगे जीवन चुराने वाले
आग बुझाएंगे क्या रख बने वाले
कल हो ना हो पीना है पिलाना है
गमन को भुलाना है
बड़ी कीमती हैं
हसीन बंदे इसे खोना नहीं
जिसने जो भी गम हैं दिए
याद करके रोना नहीं
कहने वाले कहते रहे
सुन ने वाले सुनते रहे
आनेवाले आते रहे जानेवाले जते रहे
आंसु ना बहा पीना है पिलाना है
गमन को भुलाना है
मांझी रे, मांझी रे पीना है पिलाना है
गमओ को भुलाना है