नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया
नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया
पीया-पीया रटके मैं तो हो गयी रे बावरिया
नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया
बेदर्दी बालम ने मोहे फूँका ग़म की आग में
फूँका ग़म की आग में
बिरहा की चिंगारी भर दो दुखिया के सुहाग में
दुखिया के सुहाग में
पल-पल मनवा रोए छलके नैनों की गगरिया
नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया
आई थी अँखियों में लेकर सपने क्या-क्या प्यार के
सपने क्या-क्या प्यार के
जाती हूँ दो आँसू लेकर आशाएं सब हार के
आशाएं सब हार के
दुनिया के मेले में लुट गई जीवन की गठरिया
नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया
दर्शन के दो भूखे नैना जीवन भर न सोएंगे
जीवन भर न सोएंगे
बिछड़े साजन तुमरे कारण रातों को हम रोएंगे
रातों को हम रोएंगे
अब न जाने रामा कैसे बीतेगी उमरिया
नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया
पीया-पीया रटके मैं तो हो गयी रे बावरिया
Log in or signup to leave a comment
Login
Signup