मेरे सैया ने बुलाया singapore singapre singapore से
मैं दौड़ी दौड़ी आई जयपुर से
मैं दौड़ी दौड़ी आई जयपुर से
मेरे सैया ने ओ सैया राजा ने बुलाया
Singapore singapore singapore से
मैं दौड़ी दौड़ी आई जयपुर से
मैं दौड़ी भागी आई जयपुर से
छोड़ गया था वो बेदर्दी धोखा देके प्यार मे
छोड़ गया था वो बेदर्दी धोखा देके प्यार मे
खिड़की थी दीवार मे
बैठी थी मैं घर मे खिड़की खोले इंतज़ार मे
डाक बाबू चिठ्ठी लाया
हो बाबू चिठ्ठी लाया लाया singapore से
मैं दौड़ी दौड़ी आई जयपुर से
मैं दौड़ी भागी आई जयपुर से
ऐसी कोई बात लिखी थी चिलमिने संदेश मे
बंजारन के भेष मे पंख बिना मैं उडद के आई
परदेशी के देश मे परदेशी के देश मे
ये हवा का झोका आया
हवा का झोका आया आया singapore से
मैं दौड़ी दौड़ी आई जयपुर से
मैं दौड़ी भागी आई जयपुर से
ओ बाबू तुम भी यहा अरे इधर क्या देखत हो
उधर देखो उधर
कोई पता ना कोई निशानी लिखा बस एक नाम था
कैसा ये पैगाम था फिर भी मैने ढूंड निकाला
बहुत ज़रूरी काम था बहुत ज़रूरी काम था
जयपुर मे जो खोया था वो
जो खोया था वो पाया singapore से
मैं दौड़ी दौड़ी आई जयपुर से
मैं दौड़ी भागी आई जयपुर से
मेरे सैया ने बुलाया singapore singapore singapore से
मैं दौड़ी दौड़ी आई जयपुर से
मैं दौड़ी भागी आई जयपुर से
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