Maine Puchha Chand Se

मैं ने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा चाँदनी की क़सम नहीं नहीं नहीं
मैं ने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा चाँदनी की क़सम नहीं नहीं नहीं
मैं ने पूछा चाँद से

मैं ने ये हिजाब तेरा ढूँढा
हर जगह शबाब तेरा ढूँढा
कलियों से मिसाल तेरी पूछी
फूलों में जवाब तेरा ढूँढा
मैं ने पूछा बाग़ से फ़लक़ हो या ज़मीं
ऐसा फूल है कहीं
बाग़ ने कहा हर कली की क़सम नहीं नहीं नहीं
मैं ने पूछा चाँद से

चाल है कि मौज की रवानी
ज़ुल्फ़ है कि रात की कहानी
होंठ हैं कि आइने कँवल के
आँख है कि मय्क़दों की रानी
मैं ने पूछा जाम से फ़लक़ हो या ज़मीं
ऐसी मय भी है कहीं
जाम ने कहा मय्कशी की क़सम नहीं नहीं नहीं
मैं ने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा चाँदनी की क़सम नहीं नहीं नहीं
मैं ने पूछा चाँद से
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