मैं पी के नहीं आया
मैं पी के नहीं आया
मैं पी के नहीं आया
मैं पी के नहीं आया
अरे मस्ती भारी आँखो से
दो जाम चुरा लाया
मैं पी के नहीं आया
मैं पी के नहीं आया
मस्ती मेरी आँखो मे
बोतल से नही ली है
सकी से नही माँगी
चुल्लू से नही पी है
बेहोश नही फिर भी
मई होश गावा आया
मैं पी के नहीं आया
मैं पी के नहीं आया
जीना किसे कहते है
जी कर भी नही समझा
जीना किसे कहते है
जी कर भी नही समझा
पीने का मज़ा क्या है
पी कर भी नही समझा
प्याला मेरे होतो तक
आ कर भी नही आया
मैं पी के नहीं आया
मैं पी के नहीं आया
अपने ही ख्यालो को
मयखना बनाया है
अपने ही ख्यालो को
मयखना बनाया है
टूटे हुए इक दिल से
पयमाना बनाया है
सावन की घटाओ को
आँखो में छुपा लाया
मैं पी के नहीं आया
मैं पी के नहीं आया
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