Khaake शिलाजीत, रात की रेस के घोड़े जीत गए
वो तो हार गई , बातें मेरी मान गई
क्या करती ab बेचारी वो ,
कोई चारा नही ,
मैं लड़कियों के पीछे भागा
पैसे पीछे भागा नही
मेरे पापा देते ताने थे के कर लो कुछ तो काका जी
पर काका जी तो माने नही
दिल तुड़वाके आए , खोली आंसुओं की दुकानें थी ,
खाके शिलाजीत, रात की रेस के घोड़े जीत गए
वो तो हार गई , बातें मेरी मान गई
क्या करती ab बेचारी वो ,
कोई चारा नही ,
वो satisfied at bed
पर खाने को है खाना नही
मैं लड़कियों के पीछे भागा
पैसे पीछे भागा नही
मेरे पापा देते ताने थे के कर लो कुछ तो काका जी
पर काका जी तो माने नही
दिल तुड़वाके आए , खोली आंसुओं की दुकानें थी