कैसे दिन जीवन में आये, हुये वो अपने पराये
द्वार देहरी वो घर आँगन, बन गया परदेस
कैसे दिन जीवन में
कैसे दिन जीवन में आये, हुये वो अपने पराये
द्वार देहरी वो घर आँगन, बन गया परदेस
सभी अपने खोये सुख में
सभी अपने खोये दुःख में
सभी अपने खोये दुःख में
सभी अपने खोये दुःख में
कौन देखे मेरे मन पे लगी है क्या ठेस
बन गया परदेस, छूटा अपना देस
द्वार देहरी वो घर आँगन, बन गया परदेस
मेरे अवगुन सभी देखें
मेरे दुर्गुन सभी देखें
कोई न पूछे उजड़ा कैसे मेरे मन का देस
बन गया परदेस
छूटा अपना देस
द्वार देहरी वो घर आँगन, बन गया परदेस
सारे बंधन सारे नाते
यूँ ना पल में बिखर जाते
सारे बंधन सारे नाते
यूँ ना पल में बिखर जाते
लोग बदले जैसे बदले यहाँ मौसम भेस
बन गया परदेस छूटा अपना देस
द्वार देहरी वो घर आँगन, बन गया परदेस
बन गया परदेस छूटा अपना देस
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