औ जाने वाले हो सके तो लौट आजा
औ जाने वाले हो सके तो लौट आजा
मुकेश भैया और में दोनों सेगल भकत थे
उनकी आवाज में कई बार सेगल साहब
का अंदाज़ नज़र आता था
उनके गले में इतना सोर्स था के उन्होंने जो भी गीत गाया
वो सुनाने वालो के दिलो में बस गए
हमारी मुलाकात के पहले दिन से आखरी दिन तक
वो थे मुकेश भैया और में थी छोटी बहन
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
जाऊं कहाँ बता ऐ दिल
दुनिया बड़ी है संगदिल
चाँदनी आयी घर जलाने
सूझे न कोई मंज़िल
जाऊं कहाँ बता ऐ दिल
बनके टूटे यहां आरज़ू के महल
ये ज़मीं आसमां भी गए हैं बदल
कहती है ज़िन्दगी इस जहां से निकल
कहती है ज़िन्दगी इस जहां से निकल
जाऊं कहाँ बता ऐ दिल
दुनिया बड़ी है संगदिल
चाँदनी आयी घर जलाने
सूझे न कोई मंज़िल
जाऊं कहाँ बता ऐ दिल
है इस पार तो आंसुओं की डगर
जाने उस पार क्या हो किसे है खबर
ठोकरें खा रही हर कदम पर नज़र
ठोकरें खा रही हर कदम पर नज़र
जाऊं कहाँ बता ऐ दिल
दुनिया बड़ी है संगदिल
चाँदनी आयी घर जलाने
सूझे न कोई मंज़िल
जाऊं कहाँ बता ऐ दिल
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