Jaan Meri

जान मेरी जान-इ-जाना
संग-संग चलें कहीं
जान मेरी अ हा

जान मेरी जान-इ-जाना
संग-संग चलें कहीं

जान मेरी जान-इ-जाना
संग-संग चलें कहीं

हाथों में हाथ तुम
मेरे साथ रुके न हम कहीं

हाथों में हाथ तुम
मेरे साथ रुके न हम कहीं

टिमटिमटिमाते तारे मिल के
देते हैं रोशनी
जगमग जगमग जगमग जुगनू
चमकाएं रात हसीं

तिम तिम तिम तिम तिम तिम तारे दें रोशनी
जगमगजग जगमगजग
जुगनू से रात हसीं
तो झिलमिलायें

उस तरह

टिमटिमाएँ

उस तरह

हम-तुम भी

मिल के क्यों (मिल के क्यों)
न जगमगाएँ ज़िन्दगी (न जगमगाएँ ज़िन्दगी)

जान मेरी
जान मेरी जान-इ-जाना
संग-संग चलें कहीं

(?)

तिनके जुड़ें तो बनता है आशियाना
बूँदें भरे हैं
सागर का पैमाना

बस उसी तरह से बस उसी


बस उसी तरह से
अपने दिल मिलें
तो मौसम हो जाए आशिक़ाना
अपने होंठों पे है
हरदम मीठा-मीठा एक तराना
यारो अपना दिल बड़ा है
शायराना शायराना

जान मेरी जान-इ-जाना
संग-संग चलें कहीं

चलें कहीं

हाथों में हाथ तुम
मेरे साथ रुके न हम कहीं

ऊ व् अ ऊ ओ ये य्ये हे
ऊ व् व् व् व् व्
अ अ हा
ओ ये य्ये हे
तू वा तू वा तू वा
अ हा अ हा अ हा (तू वा तू वा)

हमें पता है एक आग है उधर भी (हमें पता है)
पहुंची है जिसकी आंच तो इधर भी
हमको पता है एक आग है उधर भी
पहुंची है जिसकी आंच तो इधर भी
आ जरा जले हम
आ जरा जले हम
दोनों के इश्क मिलें
तो रोशन हो जाए ये जहां भी (ये जहां भी)
शोला-शोले भड़के ज़रा
ज़र्रा-ज़र्रा चमके ज़रा
जिया-जिया सुलगे ज़रा (होय)
रोआं रोआं दमके ज़रा (होय)

जान मेरी जान-इ-जाना

जान मेरी

जान-इ-जाना

जान-इ-जाना

संग-संग
संग-संग

संग-संग चलें कहीं

संग-संग चलें कहीं

हाथों में हाथ

हाथों में हाथ

तुम मेरे साथ

तुम मेरे साथ

रुके न हम कहीं

रुके न हम कहीं
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