इश्क फ़ना का नाम हैं इश्क में ज़िन्दगी ना दे
इश्क फ़ना का नाम हैं इश्क में ज़िन्दगी ना दे
जलवा-ए-आफ़ताब बन, जलवा-ए-आफ़ताब बन
जर्रे में रोशनी ना दे
शौक़ को रहनुमा बना, शौक़ को रहनुमा बना
जो हो चूका कभी ना दे आग दबी हुई निकाल
आग बुझी हुई ना दे
तुझको खुद़ा का वास्ता तू मेरी ज़िन्दगी ना दे
तुझको खुद़ा का वास्ता तू मेरी ज़िन्दगी ना दे
जिसकी सहर भी शाम हो उसकी सियाह शबी ना दे
जलवा-ए-आफ़ताब बन, जलवा-ए-आफ़ताब बन
जर्रे में रोशनी ना दे
इश्क फ़ना का नाम हैं इश्क में ज़िन्दगी ना दे
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