Gum Hai Kisi Ke Pyar Mein

हम्म हम्म हम्म हम्म
हां क्या कहा
गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम हाए राम हाए राम
कुछ लिखा
हाँ
क्या लिखा
हो गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम हाए राम हाए राम
अच्छा आगे क्या लिखूँ
आगे
सोचा है एक दिन मैं उससे मिल के
कह डालूँ अपने सब हाल दिल के
और कर दूँ जीवन उसके हवाले
फिर छोड़ दे चाहे अपना बना ले
मैं तो उसका रे हुआ दीवाना
अब तो जैसा भी मेरा हो अंजाम
ओ गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम हाए राम हाए राम
लिख लिया
हाँ
ज़रा पढ़के तो सुनाओ
चाहा है तुमने जिस बावरी को
वो भी सजनवा चाहे तुम ही को
नैना उठाए तो प्यार समझो
पलकें झुका दे तो इक़रार समझो
रखती है कब से छुपा छुपा के
क्या
अपने होठों में पिया तेरा नाम
हो गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम
ओ गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम हाए राम हाए राम
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