घर से निकले थे हौसला करके
घर से निकले थे हौसला करके
लौट आए खुदा खुदा करके
घर से निकले थे हौसला करके
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा करके
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा करके
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा करके
हमने देखा हैं तजुरबा करके
जिंदगी तो कभी नहीं आई
जिंदगी तो कभी नहीं आई
जिंदगी तो कभी नहीं आई
मौत आई ज़रा ज़रा करके
लोग सुनते रहे दिमाग की बात
लोग सुनते रहे दिमाग की बात
लोग सुनते रहे दिमाग की बात
हम चले दिल को रहनुमा करके
किसने पाया सुकून दुनिया मे
किसने पाया सुकून दुनिया मे
किसने पाया सुकून दुनिया मे
जिंदगानी का सामना करके
घर से निकले थे हौसला करके
लौट आए खुद़ा खुदा करके
घर से निकले थे हौसला करके
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