एक तुझ में ही
सब कुछ पाया
दुनिआ से बढ़कर तू
एक तुझ में ही
सब कुछ पाया
दुनिआ से बढ़कर तू
तुझे पाकर न करेंगे
हम जन्नत की आरज़ू
लाल ल लला ल बोले
बू बोले बू बोले बू
लाल ल लला ल बोले
बू बोले बू बोले बू
लाल ल लला ल बोले
लाल ल लला ल बोले
एक तुझ में ही
सब कुछ पाया
दुनिआ से बढ़कर तू
तुझे पाकर न करेंगे
हम जन्नत की आरज़ू
लाल ल लला ल बोले
बू बोले बू बोले बू
लाल ल लला ल बोले
बू बोले बू बोले बू
पीना हैं हमको होठो से तेरे
प्यालों से हमको प्याले न देना
रहना हैं हमको आँखों में तेरी
महलों से हमको क्या लेना देना
किसी और की ये सुनता ही नहीं
चला दिल पे तेरा ही जादू
एक तुझ में ही सब कुछ पाया
दुनिआ से बढ़कर तू
तुझे पाकर न करेंगे
हम जन्नत की आरज़ू
लाल ल लला ल बोले
बू बोले बू बोले बू
लाल ल लला ल बोले
बू बोले बू बोले बू
कांच की चूड़ी हिरे के जैसी
चाहत में तेरी इतना असर हैं
खोये हैं हम भी
ख्वाबो में तेरे
अपनी न हमको कोई खबर हैं
अयी साज के मेरे सामने
तू दिल हो गया बेकाबू
एक तुझ में ही
सब कुछ पाया
दुनिआ से बढ़कर तू
तुझे पाकर न करेंगे
हम जन्नत की आरज़ू
लाल ल लला ल बोले
बू बोले बू बोले बू
लाल ल लला ल बोले
बू बोले बू बोले बू
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