एक पुराना मौसम लौटा
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
एसा तो कम ही होता है वो भी हों तनहाई भी
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
कितनी सौंधी लगती है तब
कितनी सौंधी लगती है तब माज़ी की रुसवाई भी
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
दो दो शक़्लें दिखती हैं इस बहके से आईने में
दो दो शक़्लें दिखती हैं इस बहके से आईने में
मेरे साथ चला आया है
मेरे साथ चला आया है आप का इक सौदाई भी
एसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी
ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है
ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है
उनकी बात सुनी भी हमने
उनकी बात सुनी भी हमने अपनी बात सुनाई भी
एसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी
एक पुराना मौसम लौटा
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
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