दोस्तों से दोस्तों से झूठी मूठी
दूसरों का नाम ले के
फिर मेरी बातें करना
यारा रात से दिन करना
लम्बी जुदाई तेरी बड़ा मुश्किल है
आहों से दिल भरना
यारा रात से दिन करना
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
रोज सफ़र करना
यारा रात से दिन करना
चुपके से चुपके से
रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो
बादल के पीछे चले
जले कतरा कतरा
गले कतरा कतरा
रात भी ना हिले आधी आधी
रात भी ना हिले आधी आधी
चुपके से लग जा गले
रात की चादर तले
फरवरी की सर्दियों की धूप में
मुंदी मुंदी अँखियों से देखना
हाथ की आड़ से
निमी निमी ठण्ड और आग में
हौले हौले मारवा के राग में
मीर की बात हो
दिन भी ना डूबे रात ना आये
शाम कभी ना ढले
शाम ढले तो सुबह ना आये
रात ही रात चले
चुपके से
चुपके से रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो
बादल के पीछे चले
दोस्तों से झूठी मूठी दूसरों का नाम ले के
फिर मेरी बातें करना
यारा रात से दिन करना
लम्बी जुदाई तेरी बड़ा मुश्किल है
आहों से दिल भरना
यारा रात से दिन करना
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
रोज सफ़र करना
यारा रात से दिन करना
तुझ बिना पगली पुरवई
तुझ बिना पगली पुरवई
आ के मेरी चुनरी में भर गयी
तू कभी ऐसे ही गले लग जैसे ये पुरवई
आ गले लग जैसे ये पुरवाई
साथिया सुन तू
कल जो मुझको नींद ना आये
पास बुला लेना
गोद में अपनी सर रख लेना
लोरी सुना देना
चुपके से लग जा गले
रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो
बादल के पीछे चले
जले कतरा कतरा
गले कतरा कतरा
रात भी ना हिले आधी आधी
रात भी ना हिले आधी आधी
चुपके से लग जा गले
रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो
बादल के पीछे चले