आ आ आ आ आ
हा आ आ आ आ आ
पाप के जलते लोहे पर एक बूँद गिरी भस्म हुई
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
दुजी बूँद जब गिरी जो कमल पर
दिखने मे मोती सी लगी
मिट्टी मे मिली
प्रेम और सच की
सीप मे सीजी बूँद गिरी
वो मोती बनी
बूँद जो बन गयी मोती, बन गयी मोती
बूँद जो बन गयी मोती, बन गयी मोती
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
बदली की गोदी मे ढली
पवन के जो झूले मे पली
छम छमाति गुनगुनाती सागर ओर चली
सीप के सिने मे सोती बन गयी मोती
बूँद जो बन गयी मोती, बन गयी मोती
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
बूँद गगन की बासी थी
कब से मन मे उदासी थी
पिया से मिल गए मिलके के खिल गये
प्रीत की प्यासी थी
सीप मे चमकती ज्योति
बन गये मोती
बूँद जो बन गयी मोती (बूँद जो बन गयी मोती)
बन गयी मोती (बन गयी मोती)
बन गयी मोती (बन गयी मोती)
बन गयी मोती (बन गयी मोती)
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