Ashq Bhi

अश्क़ भी मुस्कराए
तुम जो मिले मिल गयी है ज़िन्दगी
जर्द थे पेड़ों के साये
बेजान थी बिन तेरे ज़िन्दगी

हा अश्क़ भी मुस्कराए
तुम जो मिले मिल गयी है ज़िन्दगी
जर्द थे पेड़ों के साये
बेजान थी बिन तेरे ये ज़िन्दगी

हा अब तलक जो देखते थे
हा मेरा वह ख्वाब है
फिर भी दिल क्यों ना जाने
बेचैन हैं बेताब हैं
बेचैन हैं बेताब हैं

मैंने यह सोचा न था
दिल की दुआ रंग लायेगी
ऐसा कभी भी हो पायेगा
तू रूबरू लहरायेगी

झांक ले आँखों में मेरे
दीवानगी आबाद है
हो फिर भी दिल क्यों तुम्हारा
बेचैन है बेताब है
बेचैन है बेताब है

फूलों पे शबनम थमी
यह किसके इंतज़ार में
सुन कह रही हम भी युही
जीते रहे खुमार में

अब तलक जो देखते थे
हाँ यह मेरा वह ख्वाब है
फिर भी दिल क्यों ना जाने
बेचैन हैं बेताब हैं
बेचैन हैं बेताब हैं

अश्क़ भी मुस्कराए
तुम जो मिले मिल गयी है ज़िन्दगी
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