आओ तुम्हे एक नयी बात बताऊँ मैं
आओ तुम्हे एक नयी बात बताऊँ मैं
साज़ बजाये मौसम और गीत सुनाऊं मैं
आओ तुम्हे एक नयी बात बताऊँ मैं
साज़ बजाये मौसम और गीत सुनाऊं मैं
आओ तुम्हे एक नयी बात बताऊँ मैं
धरती भीगे बाहों में बादल के
पत्ते गाये रस्ते में पीपल के
पंछी भँवरे तितली और हवाएं
अपनी अपनी धुन में सब गाए
इनको सुर इनको ताल(सुर,ताल)
इनको गीत किसने सिखाये(गीत)
आओ तुम्हे एक नयी बात बताऊँ मैं(हे हे हे)
बात बताऊँ मैं
साज़ बजाये मौसम और गीत सुनाऊं मैं
आओ तुम्हे एक नयी बात बताऊँ मैं
गिरती उठती दिल में जो लहरें हैं
इन में ही तो गीतों के ढेरे हैं
आगे पीछे जितना यह जीवन है
मेरी तेरी साँसों का आँगन है
रोज़ ही सुबह नयी राह नयी सूरज दिखाई
आओ तुम्हे एक नयी बात बताऊँ मैं
साज़ बजाये मौसम और गीत सुनाऊं मैं
हम्म हम्म हम्म
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