Aai Khuda Har Faisla

ऐ खुदा हर फैसला तेरा मुझे मंजूर है
ऐ खुदा हर फैसला तेरा मुझे मंजूर है
सामने तेरे तेरा बंदा बहोत मजबूर है
ऐ खुदा हर फैसला तेरा मुझे मंजूर है
सामने तेरे तेरा बंदा बहोत मजबूर है
अल्लाह हू

हर दुआ मेरी किसी दीवार से टकरा गयी
हर दुआ मेरी किसी दीवार से टकरा गयी
बेअसर होकर मेरी फ़रियाद वापस आ गयी
अल्लाह हू
इस जमीं से आसमां शायद बहोत ही दूर है
सामने तेरे तेरा बंदा बहोत मजबूर है

एक गुल से तो उजड़ जाते नहीं फूलों के बाग
एक गुल से तो उजड़ जाते नहीं फूलों के बाग
क्या हुआ तूने बुझा डाला मेरे घर का चिराग
अल्लाह हू
कम नहीं है रौशनी हर शै में तेरा नूर हैं
सामने तेरे तेरा बंदा बहोत मजबूर है
ऐ खुदा हर फैसला तेरा मुझे मंजूर है
सामने तेरे तेरा बंदा बहोत मजबूर है
Log in or signup to leave a comment

NEXT ARTICLE